मसाज़ बॉय सेक्स कहानी में पढ़ें कि सेक्स में कुछ नया करने की चाह में पति ने एक मसाज़ बॉय को बुलाया. अपनी बीवी की मालिश करवाकर उसे इतना गर्म कर दिया कि वो लड़के से चुद गयी.
कहानी के पहले भाग
प्यार सेक्स शादी सुहागरात
में आपने पढ़ा कि कैसे हरीश और सुधा के बीच प्यार पनपा, दोनों ने सेक्स का मजा लिया, गर्भ ठहरा तो दोनों का रिश्ता तय हुआ. शादी हुई, हनीमून के लिए मालदीव्स आये.
अब आगे Massage Boy Sex Kahani:
अब दोनों नंगे ही हाथ में हाथ डाले बाहर पूल में आ गए।
पूल में गुलाब की पंखुड़ियाँ पड़ीं थीं।
एक आइस बकेट में बियर रखी थीं।
हरीश और सुधा बाहों में बाहें डाले पूल में उतर गए और पानी से खेलने लगे।
सुधा ने बियर की बोतल उठाई और हरीश से कहा- खोलो इसे!
दूर अंधेरे आसमान में तारे जगमग कर रहे थे।
नीचे दो जिस्म एक दूसरे में समा रहे थे।
हरीश ने सुधा को वहीं पूल की सीढ़ियों पर घोड़ी बनाकर चोदना शुरू किया.
हरीश उसकी गांड में घुसना चाह रहा था तो सुधा बोली- दर्द होगा, चोट भी लग सकती है इसलिए यहाँ नहीं, घर पहुँचकर ट्राइ करेंगे।
अब अगले तीन दिन दोनों दिन रात हर समय सिर्फ सेक्स की सोचते।
उन पर तो हवस इतनी हावी थी कि एक बार तो उन्होंने रात को रेस्टोरेन्ट से लौटते में समुद्र किनारे खुले में भी सेक्स किया।
अब सुधा भी विदेशी लड़कियों की तरह छोटे टॉप में घूमती। उसके उछलने पर उसके मम्मे भी बाहर आकार झलक दिखला जाते.
पर हरीश की शह थी तो सुधा भी बेशर्म हो चली थी.
इस तरह हरीश और सुधा की ज़िंदगी की गाड़ी सेक्स और रंगीनीयत से सराबोर फर्राटे से दौड़ रही थी।
दोनों ने दो साल में दो तीन विदेश यात्रा और दो तीन डेस्टिनेशन इंडिया के घूम डाले।
और जो हुआ हो या न हुआ हो, सुधा की चूत और गांड इतनी चौड़ी हो गयी कि अब उसमें दो लंड भी चले जाएँ।
दो साल बाद पैरेंट्स के कहने पर उन्होंने परिवार बढ़ाना शुरू किया और अगले पाँच सालों में दो बच्चे पैदा कर लिए।
बड़ा वाला दादी ले गयी और छोटा नानी।
तो हरीश और सुधा कि ज़िंदगी में सेक्स और रूमानियत कम नहीं हुई।
हरीश के साथ सुधा भी बेशर्म हो चली थी।
अब समुद्र किनारे वो टू पीस बिकनी में बिना शर्म के घूम लेती थी।
थाईलैंड में दोनों ने जम कर मस्ती की।
खुद हरीश भी हैरान था कि एडल्ट शोज में सुधा बिना शर्म के एंजॉय करती।
एक बार तो उसने एक हबशी का लंड छूकर भी देखा।
दोनों ने कपल मसाज भी करवाई, जिसमें सुधा को मेल मसाजर से कोई असुविधा नहीं हुई।
हरीश को पॉर्न मूवीज का बहुत शौक था।
सुधा को ये सब कुछ खास पसंद नहीं था पर वो हरीश का मन रखने को देख लेती।
हरीश तो पॉर्न को देख कर बहुत बहकता पर सुधा कहती कि ये सब सिर्फ मूवी में ही होता है।
अब उनकी शादी को 25 साल होने को आए तो इसे मनाने गोवा गए।
दोनों बहुत खुश थे। अब दोनों व्हिस्की भी पी लेते थे।
गोवा का प्लान तीन दिन का था तो जाने से पहली रात सुरूर में पॉर्न देखते समय हरीश ने सुधा से कहा- चलो किसी मसाजर को बुलाते हैं, मस्ती होगी और तुम्हारी पूरी मसाज कराएंगे।
पूरी मसाज का मतलब सुधा जानती थी।
सुधा अक्सर हरीश से अपनी चूत की मसाज करवाती और इसमें उसे बहुत मजा आता था।
सुधा बोली- मैं मसाज नहीं कराऊंगी, तुम करा लो।
हरीश बोला- नहीं, अकेले मैं नहीं कराऊँगा, छोड़ो नहीं कराते।
सुधा को लगा कि हरीश का मूड खराब हो गया तो वो बोली- चलो अच्छा मैं करा लूँगी. पर ब्रा पेंटी नहीं उतारूँगी।
हरीश ने ऑनलाइन एक स्मार्ट सा बंदा मसाज के लिए बुक किया और उसे रिज़ॉर्ट में बुला लिया।
आशु नाम था उसका!
असल में वो एक कश्मीरी लड़का था, सुंदर, मजबूत और गुलाबी गोरा!
पहले उसने हरीश की मसाज की।
उसने हरीश से पूछ कर उसके सारे कपड़े उतार कर अच्छे से मसाज दी।
मसाज करते समय आशु भी एक नेकर और स्लीवलेस टॉप में था।
सुधा बहुत ध्यान से उन्हें देख रही थी।
आशु ने हरीश के लंड की तारीफ की और उसे तेल से खूब रगड़ा।
उसने हरीश से पूछा कि क्या वो इसे खाली कर दे।
आशु ने झिझक कर सुधा की ओर देखा तो आशु ने सुधा से कहा- मैडम, आप यहाँ से हट जाइए; सर को और मजे लेने हैं और वो आपके सामने हिचक रहे हैं।
सुधा खिलखिला कर हंस पड़ी और बोली- कोई बात नहीं, मैं लाइट धीमी कर देती हूँ।
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तब सुधा ने रूम की लाइट बंद कर दी तो सिर्फ वाशरूम की लाइट कमरे में थी जिससे मद्धिम रोशनी हो गयी।
अब आशु ने हरीश के औज़ार पर खूब सारा तेल डाला और उसकी तेज गति से मुट्ठी मारने वाली स्टाइल में मालिश शुरू की।
हरीश की आहें निकालने लगीं और जल्दी ही उसका छूट गया।
सुधा की आँखें फटी रह गईं।
कितना माल निकाला हरीश ने … उसकी छीटें आशु के चेहरे पर भी जा पड़ीं थीं।
आशु के तमाम हाथ और हरीश के पेट पर गाढ़ा वीर्य पड़ा था।
हरीश उठकर बैठ गया।
सुधा ने उसे हैंड तौलिया दिया साफ करने के लिए!
आशु वाशरूम जाकर साफ होकर आया।
अब उसने सुधा से पूछा कि क्या वो मसाज लेगी।
सुधा का मन तो कर रहा था पर वो डर रही थी।
हरीश ने उससे कहा- आ जाओ, जब चाहो रोक देना।
सुधा वाशरूम में जाकर कपड़े उतार आई और सिर्फ ब्रा पेंटी के ऊपर तौलिया लपेट कर आ गयी।
उसको आशु ने पेट के बल लिटाया और हल्के हाथों से मालिश शुरू की।
सुधा को मजा आना शुरू हो गया था।
आशु ने उसका तौलिया थोड़ा ऊपर किया तो सुधा ने कुछ नहीं कहा।
अब आशु के हाथ उसकी पिंडलियों पर घूम रहे थे।
आशु ने धीरे से सुधा से पूछा- आप एंजॉय तो कर रही हैं न?
सुधा ने मुस्कुराकर हाँ कहा तो आशु ने पूछा कि उसे तौलिया हटाना पड़ेगा ताकि कमर की मालिश हो सके।
तो सुधा ने तौलिया हटा दिया।
अब आशु उसकी कमर और गर्दन पर भी मालिश करने लगा।
हरीश से उसकी आँखें मिलीं तो हरीश ने उसे आँख से इशारा किया कि इसकी पेंटी को ऊपर कर दो।
आशु ने धीरे से सुधा कि पेंटी को ऊपर किया तो सुधा ने उसे रोक दिया, बोली- बस एसे ही करो।
तब आशु ने हरीश को आँखों से इशारा किया कि वो यहाँ से जाये।
हरीश ने सुधा से कहा- वीर्य निकालने से शरीर चिपचिपा हो रहा है क्या मैं शावर ले आऊं?
सुधा बोली- ले आओ।
हरीश धीरे से उठकर गया और शावर खोलकर वापिस दूर खड़ा होकर देखने लगा।
वाशरूम का किवाड़ थोड़ा भिड़ा होने से अब कमरे में लाइट और धीमी हो गयी थी।
आशु ने अपनी स्पीड बढ़ाते हुए सुधा की टांगें थोड़ी चौड़ाईं और अब उसकी पिंडलियों से आगे की ओर हाथ फिरना शुरू किया।
सुधा शांत रही।
आशु ने अब उसकी पेंटी ऊपर की तो भी सुधा कुछ नहीं बोली।
अब आशु ने उसकी पेंटी के अंदर भी उँगलियाँ लगाईं तो सुधा ने उसका हाथ पकड़ा, कहा कुछ नहीं।
आशु ने उसकी ब्रा के पास तेल लगाते हुए उससे कहा कि ब्रा का हुक खोलना होगा वरना पूरी कमर पर हाथ नहीं चलेगा।
सुधा बोली- ठीक है।
आशु ने ब्रा का हुक खोल दिया और सुधा के ऊपर बिना दबाव के बैठ कर पूरी कमर पर हाथ फिराने शुरू किए।
इससे आशु का लंड तन गया था और व सुधा की गांड से छू रहा था।
सुधा ने हरीश को आवाज दी- जानू, तुम कहाँ हो?
तो हरीश ने वाशरूम में जाकर कहा- मैं शावर ले रहा हूँ, तुम करवाओ।
अब आशु ने उसकी कमर से हटकर उसकी कमर से नीचे पेंटी लाइन तक हाथ करते हुए बिना सुधा से पूछे पेंटी की इलास्टिक पकड़कर नीचे करना शुरू किया.
तो सुधा ने टांगें उठा दीं जिससे पेन्टी उतर सके।
उसकी चिकने चमकते नितंबों पर आशु ने हथेली का इस्तेमाल करते हुए मसाज देते देते हाथ नीचे उसकी टांगों के बीच में भी ले जाने लगा।
सुधा दम मारे चुपचाप कराती रही।
पास खड़े हरीश ने भी उसे इशारे से उकसाया कि वो हाथ और नीचे ले जाये।
अब आशु ने उसकी गर्दन से लेकर नितंबों तक हाथ फिसलाते हुए मालिश करते करते नितंबों से नीचे बीच में दरार को भी मसला।
आशु की हथेलियाँ सुधा की मखमली चूत की फाँकों को भी मसल रही थीं।
जब आशु ने सुधा की टांगें और चौड़ाईं तो सुधा ने पैर ढीले कर दिये।
अब हथेली को ऊपर से नीचे लाते लाते आशु की उँगलियाँ सुधा की चूत में घुस गईं और उसकी चूत के दाने को भी मसल दिया।
सुधा कसमसा गयी।
आशु ने ‘योनि मसाज’ को स्पीड दे दी.
सुधा तड़फने लगी पर उसने आशु को जो वो कर रहा था करने दिया.
और जब बात सुधा की बर्दाश्त से बाहर हो गयी तो वो पलट गयी और आशु को उसने अपनी ओर खींच लिया और होंठ से होंठ जोड़ दिये।
आशु ने सुधा के मांसल मम्मों को चूम लिया और निप्पलेस को मुंह में रखकर चूसने लगा।
सुधा ने अपने हाथ उसकी पीठ पर लपेट दिये और उसे अपने से भींच लिया।
आशु और सुधा के बीच केवल आशु का बरमुडा था जिसे सुधा ने अपने पैरों से नीचे कर दिया और उसका फनफनाता लंड पकड़ लिया।
अब आशु उसके मम्मे मसलने लगा।
सुधा हाँफ रही थी।
उसने बिना कुछ सोचे समझे आशु का लंड अपनी चूत में करवा लिया।
आशु ने सुधा की टांगें ऊपर करके चौड़ाईं और उसकी दमदार चुदाई शुरू की।
मसाज़ बॉय सेक्स शुरू होने के बाद सुधा ने हरीश को आवाज़ देकर बुलाया।
हरीश उनके पास आया और सुधा के सिरहाने बैठ उसे चूमने लगा।
सुधा मस्त होकर चुदवा रही थी; वो नीचे से ऊपर उछल रही थी।
आशु उसके मम्मे कस कर मसल रहा था।
सुधा ने हाथ पीछे करके हरीश को आगे किया और उसका लंड पकड़ कर मुंह में ले लिया।
अब सुधा की चुदाई दो-दो मर्द कर रहे थे, जो हरीश का तो सपना था पर सुधा ने कभी नहीं सोचा था।
सुधा ने आशु के नीचे करके उसके ऊपर चढ़ कर भी चुदाई की।
थोड़ी देर में काम निबटाकर आशु अपने पैसे लेकर चला गया।
उसके जाते ही हरीश सुधा पर चढ़ गया और चोदने लगा।
सुधा थक गयी थी, वो चुदाई करवा तो रही थी पर बिना मन से!
हरीश और सुधा दोनों थक गए थे।
सुधा अपसेट थी, उसने कभी एसा नहीं सोचा था।
हरीश की मन की पूरी हुई थी पर वो सुधा से निगाहें बचा रहा था।
दोनों चुपचाप सो गए।
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