जवान चचेरी बहन के साथ एक रात

सिस्टर पुसी फिन्गेरिंग स्टोरी में पढ़ें कि मैं तू की बेटी को परीक्षा दिलवाने ले गया. हमें एक रात एक साथ सोने का मौक़ा मिला. सोते हुए मेरे हाथ उसके जिस्म पर चले गए.

फ्रेंड्स, मेरा नाम राज वर्मा है. मैं हरियाणा का रहने वाला हूँ.

मैं चुदाई कहानी डॉट कॉम का एक नियमित पाठक हूँ और यह मेरी पहली सेक्स कहानी है.

इस Sister Pussy Fingering Story में मैं आपको बताऊंगा कि कैसे मैंने अपनी कजिन सिस्टर के साथ सेक्स के मज़े लिए.

ये घटन आज से एक साल पहले की है.
उस समय हरियाणा में हरियाणा पुलिस की भर्ती के लिए एग्जाम होने थे.

मेरे पड़ोस में रहने वाली कजिन ने भी पुलिस में भर्ती होने के लिए एग्जाम फार्म भर रखा था.

जब उसके एग्जाम की तारीख आई तो पड़ोस वाले ताऊ जी मेरे घर पर आए और वे मेरे पापा से बोले- मुझे कहीं काम से बाहर जाना है. आप राज को बोल दो कि वह अपने साथ अनिता को ले जाकर उसको भी एग्जाम दिलवा लाएगा. वैसे भी राज को चंडीगढ़ तो जाना ही है और एग्जाम भी पंचकूला में है.

सॉरी, दोस्तो मैं आपको अपने और अपनी कजिन के बारे में आपको बताना भूल गया.

उसका नाम अनिता तो आपको पता चल ही गया है.
वह एक जबरदस्त फिगर की मालकिन है.
उसका फिगर 34-30-36 का है, जो किसी का भी लंड खड़ा करने के लिए काफ़ी है.

हालांकि मैं पहले उसके बारे में कुछ ग़लत नहीं सोचता था.

मैं भी काफ़ी शर्मीला बंदा हूँ और पढ़ाई में काफी होशियार भी था तो सब मुझे शरीफ ही समझते थे.
इसी वजह से आस-पड़ोस में भी मेरी काफ़ी इज़्ज़त थी.

अनिता के एग्जाम की तारीख आई, उसका एग्जाम सात बजे सुबह से शुरू होना था.
इतनी जल्दी सुबह के वक्त बहादुरगढ़ से चंडीगढ़ पहुंच पाना संभव नहीं था.
इसलिए हम दोनों ने निश्चय किया कि हम एक दिन पहले निकलेंगे और वहां दूर के एक अंकल के घर रुकेंगे.

हम दोनों ने दिल्ली से ट्रेन पकड़ी और चंडीगढ़ जाने लगे.

वहां उसके साथ बैठ कर में उसको पढ़ाई करने के कुछ टिप्स देने लगा कि कैसे एग्जाम में लिखना है, कैसे और कौन से सवालों के जबाव पहले लिखने हैं.

ये सब बात करते करते हम दोनों चंडीगढ़ का सफर तय करने लगे.

थोड़ी देर बाद मैं अपने कान में लीड लगा कर गाने सुनने लगा.
वह भी थोड़ी देर आख बंद करके सोने लगी.

हमें चंडीगढ़ पहुंचते पहुंचते शाम हो गई.
जब हम दोनों चंडीगढ़ उतरे तो वहां अंकल हमको लेने आए थे.

उन्होंने घर के बारे में कुशल क्षेम आदि के बारे में पूछा और हम सब गाड़ी से घर की ओर जाने लगे.

घर पहुंचते पहुंचते रात हो गई और हम दोनों काफी थक भी गए थे, तो हम आराम करने लगे.

करीब 9 बजे आंटी जी खाना लेकर आईं.
हम दोनों खाना खाने लगे.

खाना खाते खाते आंटी जी मुझसे घर की पूछने लगीं तो हम सब इधर उधर की बातें करने लगे.

आपको बता दूँ कि मेरे अंकल का बस टू बीएचके का फ्लैट है.
एक कमरे में वे दोनों सोते हैं और एक मेहमानों के लिए था.

उन्होंने हमारे सोने का इंतजाम उस रूम में कर दिया था.
वहां एक डबल बेड था तो सोने में कोई दिक्कत नहीं होने वाली थी.

हम खाना खाकर कमरे में आ गए और बात करते करते सो गए.

रात को मेरी आंख खुली तो देखा मेरे हाथ की एक हथेली मेरी बहन के वक्ष पर थी.
मैंने एकदम से अपने हाथ को उसके दूध से हटा लिया.

पर मेरी आंखों से नींद गायब हो चुकी थी और दिल की धड़कनें एकदम तेज हो गई थीं.

फिर जैसे ही मेरी कोहनी उसके मम्मों को टच हुई तो मुझे एक अज़ीज़ सा अहसास हुआ और मेरा मन भी कर रहा था कि मैं अपनी कोहनी को बार बार उसके मम्मों से टच करूँ.

सच बता रहा हूँ दोस्तो, मेरी गांड भी फट रही थी कि कहीं ये जाग गई और अगर इसने किसी को बोल दिया तो लेने के देने पड़ सकते हैं.

फिर भी लंड बड़ा शरारती होता है. साला खुद तो कुछ समझता ही नहीं, बस आदमी का दिमाग खराब कर देता है.

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मैंने डरते डरते अपनी कोहनी उसके मम्मों से लगा दी और थोड़ी देर ऐसे ही लेटा रहा.
जब उसकी ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं हुई तो मेरी हिम्मत थोड़ी और बढ़ गई.

मैंने अपनी उसी कोहनी से उसके एक दूध को थोड़ा और दबा दिया.

इस बार उसको अपनी चूची पर कुछ भारी सा महसूस हुआ तो उसने नींद में ही मेरी कोहनी हटा दी और दूसरी तरफ मुँह करके सो गई.

अबकी बार उसकी गांड मेरी ओर थी जिसको देखते ही मेरा लंड खड़ा हो गया.
मैं धीरे से उससे चिपक गया. मेरा लंड उसकी गांड में सैट हो गया.

थोड़ी देर मैं ऐसे ही लेटा रहा. फिर धीरे धीरे अपना लंड उसकी गांड में कपड़ों के ऊपर से ही रगड़ने लगा.
फिर एकदम से वह सीधी होकर लेट गई. मेरी गांड एकदम से फट गई और मैं चुपचाप दूसरी तरफ मुँह करके सो गया.

एक घंटा बाद वह नींद में ही मुझसे चिपक गई या वह जानबूझ कर मुझसे चिपकी, मुझे नहीं पता.
लेकिन उसके ऐसा करने से मेरी नींद खुल गई और मैं उसको हटाने लगा.
पर वह मुझसे ऐसे ही चिपकी रही.

अब मैं ये सुनिश्चित करना चाहता था कि वह सो रही है या नहीं.
मैंने उसका 2-3 बार नाम लिया. उसने कोई उत्तर नहीं दिया.

फिर मैं उसको अपने से हटाकर सोने लगा.
पर अब मुझे ठंड लगने लगी थी.

हालांकि गर्मियों के दिन थे पर फिर भी चंडीगढ़ की रात में थोड़ी ठंड लगना नॉर्मल बात है.

मैंने धीरे से उसको जगाया और उसको चादर देखने के लिए बोला.
उसने नींद में ही हाथ से टटोल कर चादर खोजने की कोशिश की पर चादर नहीं मिली.

वह फिर से सो गई.
इधर मुझे ठंड की वजह से नींद नहीं आ रही थी तो मैं भी धीरे से उसी से चिपक कर सोने लगा.

उसके स्पर्श से गर्माहट मिलने लगी और मेरे लौड़े में हरकत होने लगी.

थोड़ी देर में मैंने हिम्मत करके अपना एक हाथ उसके मम्मों पर रख दिया.
जब उसने कुछ नहीं बोला तो मैं थोड़ी हिम्मत करके उसके मम्मों को अपने हाथ से सहलाने लगा.

उसने नींद में ही मेरा हाथ हटा दिया.
लेकिन मैंने थोड़ी देर में फिर से अपना हाथ उसके मम्मों पर रख दिया और सहलाने लगा.

थोड़ी देर में उसको भी मजा आने लगा.
अब वह चुपचाप लेटी रही पर उसकी सांसें तेज होने लगीं.

मैं समझ गया कि ये सो नहीं रही है.
फिर भी वह शर्म के मारे आंखें नहीं खोल रही थी.

अब मुझे जोश आ गया और मैं उसके मम्मों को जोर जोर से दबाने लगा.
उसके मुँह से धीरे धीरे सिसकारी निकलने लगी.

दस मिनट तक मैं उसके बूब्स दबाता रहा.

अब तक मेरा लंड खड़ा हो गया था तो मैंने उसका मुँह दूसरी तरफ कर दिया और अपना लंड उसकी टांगों में डाल कर आगे पीछे करने लगा; साथ ही उसकी टी-शर्ट में हाथ डालकर बूब्स दबाने लगा.

मैं उसकी बॉडी पर किस करने लगा.
उसके होंठों कर होंठों को रख कर किस करने लगा.

वह भी मेरा साथ देने लगी थी लेकिन उसने शर्म से अपनी आंखें अब तक नहीं खोली थीं.

मैंने उसकी टी-शर्ट उतार दी और उसके मम्मों पर किस करने लगा, ज़ीभ फेरने लगा.
वह भी मेरे लंड से खेलने लगी और उसे हाथ से पकड़ कर ऊपर नीचे करने लगी.

धीरे धीरे हम दोनों में वासना धधकने लगी और मैंने उसकी सलवार उतार दी.

फिर पैंटी नीचे करके अपनी उंगली से उसकी चूत को सहलाने लगा.
इससे वह भड़क गई और उससे कंट्रोल नहीं हुआ.

तभी मैंने उसकी बुर में एक उंगली अन्दर सरका दी.
सिस्टर पुसी फिन्गेरिंग से वह जोर जोर से आवाज़ करने लगी.

मैं डर गया कि कहीं कोई उठ ना जाए.
मैंने झट से उसके होंठों को अपने होंठों में दबा लिया और उसकी बुर को जोर जोर से रगड़ने लगा.

कुछ मिनट तक ऐसे करते रहने के बाद उसकी बुर से पानी निकल गया.

अब मेरा लंड भी झड़ने को होने वाला था तो मैंने अपना लंड उसके हाथ से ले लिया और उसके चूचों के ऊपर लगा कर हिलाने लगा.

कुछ ही देर में मैंने अपना सारा पानी उसके मम्मों पर डाल दिया, कुछ पानी उसके गालों पर भी जा लगा.

लंड का सुपारा मैंने उसके होंठों पर भी लगा दिया जिसे उसने अपनी जीभ से चाट कर साफ कर दिया और रस मुँह में लेकर खा गई.

फिर हम अपने अपने कपड़े पहन कर चिपक कर लेट गए.

मुझे उसकी बुर में उंगली करने से ये बात समझ आ गई थी कि वह अभी तक चुदी हुई नहीं है.
जब उंगली करने से चिल्ला उठी थी तो लंड से जब इसकी कहानी लिखी जाएगी तो यह चीख चीख कर सबको उठा देगी और रायता फैल जाएगा.
इसलिए मैंने समझ लिया कि इधर इसके साथ सेक्स करना ख़तरे से खाली नहीं है.

कुछ देर बाद मैंने अपनी बहन के कान में कहा- मजा आया या नहीं?
वह भी धीमे से बोली- सच में यार, बहुत मजा आया.

मैंने कहा- तेरी तो सीलपैक चूत निकली.
वह हंस दी और बोली- क्यों तेरा धागा टूट चुका है क्या?

मैंने कहा- हां वो तो एक साल पहले ही टूट गया था.
वह बोली- कौन थी वो खुश नसीब?

मैंने कहा- मेरी एक जीएफ काम्या!
वह बोली- ओ तेरी … तूने काम्या की फाड़ भी दी?

मैंने कहा- हां, तू चिल्लाए ना … तो तेरी भी अभी के अभी फाड़ दूँ!
वह बोली- उंगली से तो गांड फट गई थी. तेरा मूसल तो मेरी तहस नहस कर देगा.

मैंने कहा- हां इसीलिए तो डर रहा था कि कहीं चाचा चाची जाग गए तो लेने के देने पड़ जाएंगे.
वह हंस दी.

मैंने उसकी एक चूची दबाई और कहा- साली बड़ी हंसी आ रही है तुझे?
वह इठला कर बोली- और तुझे क्या रोना आ रहा है क्या?

मैंने कहा- नहीं अन्नू … बस कल तेरे एग्जाम होने का इंतजार है फिर किसी होटल के कमरे में चल कर तेरी सुहागरात मनाऊंगा.
वह मेरे लौड़े पर गांड घिसती हुई बोली- हां, मुझे भी बड़ी आग लग गई है.

मैंने कहा- अगर तेरे मुँह में कपड़ा ठूंस कर अभी चोद दूँ तो लेना चाहेगी?
वह बोली- नहीं भैया … अभी नहीं, खूना-खच्ची होना तो पक्की है और दर्द कहीं ज्यादा हुआ तो कल का एग्जाम भी सही से नहीं दे पाऊंगी.

उसकी ये बात सही थी और दूसरी तरफ ये बात भी थी कि कल की वापसी भी थी.

चाचा चाची को हम दोनों की जल्द घर वापसी का इंतजार रहने वाला था.
इस सब वजहों से दूसरे दिन भी होटल में जाना संभव नहीं था इसलिए मैंने सोच लिया था कि इसको दिल्ली में ही ले जाकर चोदूंगा.

मैंने अनिता के कान में कहा- चंडीगढ़ में ये सब जल्दी जल्दी में अच्छे से नहीं हो पाएगा. अपन दिल्ली चल कर ही देखते हैं.

उसने हामी भर दी और इस तरह से हम दोनों भाई बहन के बीच चुदाई की बिसात बिछ गई थी.
आगे जो भी होगा, आपको जरूर बताऊंगा.

तो दोस्तो, ये थी कजिन के साथ मेरी पहली अधूरे सिस्टर पुसी फिन्गेरिंग स्टोरी, प्लीज़ बताएं कि आपको सेक्स स्टोरी कैसी लगी.
अपना कॉमेंट करना ना भूलें.
आपका अपना राज वर्मा
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