हॉट कज़िन्स सेक्स कहानी गाँव में रहने वाली मेरी दो चचेरी बहनों की पहली बार चुदाई की है. मैं गाँव गया तो मेरे चाचा की जवान बेटियाँ मुझसे घुलमिल गयी.
फ्रेंड्स, आज मैं आप लोगों को एक सच्ची सेक्स कहानी बताने जा रहा हूँ.
मेरा नाम दीपक है, मैं दिल्ली में अपने मम्मी पापा के साथ रहता हूँ.
यह Hot Cousins Sex Kahani तब की है, जब मैं गर्मियों की छुट्टी में गांव गया था.
मेरी दो बहनें हैं, दोनों बहुत ही जवान और खूबसूरत हैं. ये मेरी चचेरी बहनें हैं.
मेरी छोटी बहन का नाम स्नेहा है वो 19 वर्ष की है, स्नेहा मुझसे दो साल छोटी है. बड़ी बहन मायरा की उम्र 20 वर्ष है, वो मुझसे एक साल छोटी है.
हम लोग बचपन में बहुत मस्ती किया करते थे.
वक्त व्यतीत होते समय नहीं लगता. मैं अपनी पढ़ाई के चलते गांव छोड़ कर अपने मम्मी पापा के साथ दिल्ली आ गया और यहीं रहने लगा.
इस बार जब मैं गांव आया था, तो मुझे पूरे 4 साल बाद गांव आने का मौका मिला था.
मैं गांव आया तो मेरे घर पर दो चाचा चाची, स्नेहा, मायरा और छोटे चाची का एक बेटा था.
ये मेरा छोटा भाई अभी डेढ़ साल का ही था.
मैं आपको बता दूं कि स्नेहा का फिगर किसी बॉलीवुड की हीरोइन से कम नहीं था.
उसके बूब्स हमेशा तने हुए रहते थे और उसकी गांड बाहर की तरफ निकली हुई रहती थी.
मायरा भी कोई कम नहीं थी. मायरा को देखते ही कितने लड़के अपने होश खो बैठते थे.
उसका फिगर स्नेहा से भी आकर्षक था.
उसके घुंघराले बाल, नीली आंखें और मौसम्मी जैसे उसके बूब्स. उसकी गांड जैसे कि तराजू का पलड़ा हो, एकदम बाहर की तरफ निकली हुई गांड थी.
जब मैं घर पहुंचा तो स्नेहा खुश होकर चहकती हुई बोली- अरे वाह … भैया आखिर आप आ ही गए. बड़े दिनों बाद आज आपको मेरी याद आई!
मैंने कहा- नहीं यार, छुट्टी ही नहीं मिल रही थी. अब क्या करें मेरी अपनी मर्जी तो नहीं ना है.
तभी बड़ी चाची यानि स्नेहा और मायरा की मम्मी ने मेरे पास आकर मेरे सर पर हाथ फेरा और कहा- तुम लोग बात करो, मैं तुम्हारे लिए कुछ लाती हूं.
फिर हम लोगों ने चाय नाश्ता किया.
शाम का समय था.
बड़ी चाची ने कहा- मैं बाजार जा रही हूं. उधर से तुम्हारे लिए कुछ खाने के लिए लाती हूं. तब तक तुम तीनों बात करो.
चाची चली गईं और हम लोग बात करने लगे.
तभी स्नेहा बोली- क्या भैया … इतने हैंडसम लगने लगे हो … कोई गर्लफ्रेंड बनाई है या ऐसे ही हाथ से काम चला रहे हो.
उसकी इस बिंदास भाषा को सुनकर मैंने कहा- चुप रह पगली, मैं वहां पर ये सब करने नहीं गया हूं कि गर्लफ्रेंड पटा लूं. मैं पढ़ने में ही ध्यान देता हूं.
मायरा हंस पड़ी और इसी तरह से हम तीनों मस्ती करने लगे.
हम तीनों ही आपस में बहुत घुले मिले थे. हमारी फोन पर अक्सर बात होती रहती थी. कभी-कभी तो सेक्सी चैट भी हुआ करती थी.
तभी मायरा मेरी तरफ झुकते हुए बोली- क्या सही में आपको कोई गर्लफ्रेंड नहीं मिली?
उसके झुकने की वजह से उसके बूब्स नीचे लटक रहे थे जो कि उसके ढीले टॉप में से साफ दिख रहे थे.
मैंने मायरा की चुचियों को अनदेखा करते हुए कहा- नहीं यार, तुम जैसी उधर कहां मिलने वाली है.
यह सुनते ही मायरा और स्नेहा दोनों हंसने लगीं.
तभी पता नहीं, कहां से एक चूहा बेड पर चढ़ गया, जिससे मायरा डर कर मुझसे चिपक गई.
उसके बूब्स मेरे सीने से रगड़ खाने लगे थे. मुझे बहुत ही अजीब सा फील हो रहा था.
मैंने भी उसे जानबूझ कर जोर से चिपका लिया.
फिर मैंने हट हट करके चूहा भगाया तो वो भाग गया.
अब मायरा मुझसे अलग होकर बेड पर सीधी बैठ गई.
वो बोली- सॉरी भैया मैं डर गई थी.
मैंने कहा- कोई बात नहीं यार … होता है.
तब तक स्नेहा की मम्मी आ गईं और बोलीं- बेटा आज मैं मटन बना देती हूं, तुम सब लोग खा लेना.
चाची के घर में केवल तीन ही कमरे थे, जिसमें एक में छोटे चाचा चाची और उनका बेटा यानि मेरा छोटा भाई सोता था और दूसरे में ये दो बहनें सोती थीं.
तीसरा कमरा ऊपर की मंजिल पर था जिसमें स्नेहा की मम्मी सोती थीं.
स्नेहा के पापा यानि मेरे बड़े चाचा कानपुर में नौकरी करते थे.
छोटे चाचा और चाची गांव में अपने खेतों में काम करवाते थे तो छोटी चाची अपने बेटे को लेकर चाचा के साथ खेतों में चली जाती थीं.
मायरा और स्नेहा की मम्मी दिन में बाहर चली जाती थीं.
उनका मन मंदिर में पूजा पाठ में ज्यादा लगता था.
दोनों चाची ने शाम का खाना लगाया और सभी मिल कर बातें करने लगे.
मायरा ने अपनी मम्मी से कहा- मम्मी भैया किधर सोएंगे?
उन्होंने कहा- तुम्हें अपने कमरे में ही भैया के साथ सोना पड़ेगा.
मैं कहा- नहीं चाची … मैं बाहर बेड पर ही सो जाऊंगा. जो सोफा पड़ा है, मैं उसी पर उसी पर लेट जाऊंगा.
मायरा बोली- नहीं भैया, आप हमारे साथ ही सो जाइएगा, कोई प्रॉब्लम नहीं होगी.
मैंने सहमति में सिर हिला दिया.
सबने खाना खाया और सोने चले गए.
हम लोग सो चुके थे, तभी अचानक बाहर से कुछ अजीब सी आवाज सुनाई पड़ी तो हम लोग आवाज सुन कर बाहर आ गए.
उधर देखा कि यह आवाज छोटी चाची के रूम से आ रही थी, जहां चाचा और चाची दोनों सेक्स कर रहे थे.
इस पर मायरा शर्मा गई और बोली- कोई बात नहीं भैया, चाचा चाची प्यार कर रहे हैं.
मैंने भी शर्म से सिर नीचे किया और वापस कमरे में चला गया.
हम तीनों एक ही पलंग पर लेट गए.
तभी स्नेहा ने अपना पैर मेरे ऊपर किया और मेरे लंड को स्पर्श करते हुए रगड़ने लगी.
मैंने सोचा कि ये नींद में होगी. मैंने उसका पैर हटा दिया मगर तभी उसने अपना हाथ मेरे लंड पर रख दिया.
ये मुझे अजीब सा लगा और मैं उसका हाथ हटा कर सो गया.
तभी मायरा अचानक से मेरे ऊपर चढ़ गई जिससे उसके बूब्स मेरे छाती से रगड़ खाने लगे.
मैंने उसे भी अपने ऊपर से अलग किया और सो गया.
सुबह हुई तो चाची लंगड़ा कर चल रही थीं.
मैं आप लोगों को बता दूं कि चाची की शादी के अभी ढाई साल ही हुए थे.
मायरा ने कहा- क्या हुआ चाची … क्या हाल हैं?
चाची ने आंख मारते हुए कहा- पता चलेगा तुमको भी … एक बार तो ससुराल जाओ. फिर इस लंगड़ाहट का राज समझ आ जाएगा.
वो दोनों हंसने लगीं.
तभी अचानक मैं वहां आ गया और मायरा मेरे लिए चाय बना कर ले आई.
चाची अपने बच्चे को दूध पिलाने कमरे में चली गईं.
मायरा चाय ले आई तो मैंने चाय पी और कहा- वाह बहना क्या अच्छी चाय बनाई है, मजा आ गया.
उसने कहा- थैंक्यू भैया.
उसने मुझे थैंक्यू कहते हुए किस कर लिया.
मुझे यह अजीब नहीं लगा.
मायरा ने एक छोटी सी स्माइल दे दी और बोली- चाय अच्छी लगी या मेरी चुम्मी?
मैं उसे कुछ कहने ही वाला था कि तभी स्नेहा आ गई.
वो बोली- भैया आज आप मेरी कुछ पढ़ाई करवा दो. मेरे क्वेश्चन सॉल्व करा दीजिए.
मायारा बोली- हां मेरी भी कुछ समस्या है उसका हल भी कर दीजिए.
मैंने कहा- ठीक है चलो दोनों की समस्या को देखता हूँ.
उस समय तक चाचा काम पर चले गए थे और चाची भी थक कर सो गई थीं.
मैं मायरा के रूम में गया तो मायरा ने बायोलॉजी की बुक निकाली और बोली- भैया, मुझे ये समझना है कि बच्चा कैसे बनता है.
स्नेहा बोली- हां हां, ये मुझे भी जानना है!
मैंने उन दोनों को बायो के विषय में कुछ समझाया और उनकी उस समस्या को पूरे विस्तार से समझाना शुरू किया.
उन दोनों की निगाहें मेरे ऊपर ही थीं.
मुझे सब समझ में आ रहा था कि ये दोनों बहनें मुझसे क्या चाहती हैं.
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तभी मायरा ने टॉप के ऊपर से अपनी ब्रा को खुजलाते हुए कहा- मुझे खुजली हो रही है. मुझे कुछ समझ में नहीं आ रहा है. इधर आपकी भाषा मेरी खोपड़ी से ऊपर निकल रही है … क्या आप और अच्छे से नहीं समझा सकते हैं?
ये सुनकर मैं उन लोगों को यूट्यूब पर वीडियो दिखाने लगा.
तभी उसी के नीचे एक वीडियो की लिंक दिखने लगी जिसमें सुहागरात की बात लिखी थी.
स्नेहा बोली- ये वाली वीडियो दिखाओ.
मैंने उसे चालू कर दिया और वो दोनों जवान बहनें सुहागरात की वीडियो देखने लगीं.
मुझे पेशाब लगी थी तो मैं रूम से बाहर चला गया, सुसु करके वापस आ गया.
मैंने देखा कि वो दोनों सेक्स की वीडियो देख रही थीं.
मुझे देखते ही उन्होंने वीडियो देखना बंद कर दिया और मुझे देखने लगीं.
अब तक मैं भी सब समझ चुका था और मैंने उनकी तरफ देखा तो मायरा ने आंख दबा दी.
मैंने कुछ नहीं कहा और बाहर चला गया.
मैं बाहर सिगरेट पीते हुए सोचने लगा कि मेरी दोनों बहनें क्या सच में मुझसे चुदना चाहती हैं.
मैंने काफी देर तक सोचा और अपने मोबाइल में फ्री सेक्सी स्टोरीज की साईट खोल कर भाई बहन सेक्स की कहानी पढ़ने लगा.
एक सेक्स कहानी में मुझे एक डायलॉग बहुत पसंद आया. उसमें लिखा था कि लंड चूत में सिर्फ चुदाई का रिश्ता होता है. भाई बहन या मां बेटे जा रिश्ता सिर्फ सामाजिक रिश्ते होते हैं, जो सबके सामने दिखाने पड़ते हैं. जबकि घर में सेक्स करना सबसे सेफ होता है. इसमें किसी तरह की कोई रिस्क नहीं होती है और चुदाई के लिए जगह ढूँढने की दिक्कत भी नहीं होती है.
अब मेरा मूड बन गया था और मैं रात होने का इंतजार कर रहा था.
मैं वापस घर आ गया.
छोटे चाचा चाची काम से वापस आ गए थे. मायरा और स्नेहा की मम्मी भी मन्दिर से आ गई थीं.
फिर रात हुई और हम लोग खाना खाकर अपने अपने रूम में सोने चले गए.
फिर से कल की तरह चुदाई में शुरू हो गए थे.
इधर मायरा और स्नेहा दोनों चुदने के लिए एकदम तैयार थीं.
जब मैं रूम में गया तो मायरा ने एकदम झीनी नाइटी पहनी हुई थी जिससे उसके बूब्स और चुत दोनों झलक रही थीं.
उसने अन्दर ब्रा पैंटी नहीं पहनी थी.
और स्नेहा ने भी उसी की तरह की फ्रॉक पहनी थी.
दोनों बहनें चुदने के लिए एकदम रेडी थीं.
उन दोनों की भरी हुई जवानी देख कर मैं गर्म हो गया.
मैं उनके करीब गया तो मायरा ने मुझे किस किया और कहा- आप हमारे प्यारे भैया हैं.
मैंने कहा- तो आज तुम दोनों का मन अपने भैया का प्यार पाने का है?
स्नेहा मुझसे लिपट कर बोली- मैं तो कल ही आपका प्यार पाने कि बेचैन थी मगर आपने लिफ्ट ही नहीं दी.
मैंने धीरे से मायरा और स्नेह से पूछा- तुम लोगों की सील टूटी है या नहीं?
उन दोनों ने एक साथ कहा- नहीं भैया, अभी ये आपके प्यार से ही टूटने के लिए पैक है.
अब मैंने स्नेहा को किस किया और उसके सारे कपड़े उतार कर उसे पलंग के नीचे उतार लिया, उसे फर्श पर लिटा कर मैं उसके ऊपर चढ़ गया और उसे किस करने लगा.
तभी मायरा आई और उसने भी अपने सारे कपड़े उतार दिए.
वो मेरा लंड अपने मुँह में लेकर चूसने लगी.
मैंने मायरा की चुत को सहलाना शुरू कर दिया जिससे वह जोश में आ गई.
मेरी दोनों पोर्न कजिन्स की चुत गीली हो चुकी थीं.
मैंने स्नेहा की चुत चाटने की कोशिश की और उस पर अपना मुँह लगा दिया.
उसकी चूत पर हल्के हल्के बाल थे, मैंने उसकी चुत को बड़े मजे से चूसा और फिर उसको अलग कर दिया.
अब मैंने अपना लंड धीरे से मायरा की चुत पर टिकाया और एक झटके में पेल दिया.
मेरा लंड सीधे उसकी चुत में घुसता चला गया.
मैंने पहले ही शॉट में अपना आधा लंड चूत में घुसा दिया था. इससे मायरा चीखने को हुई और उसकी चुत से खून निकलने लगा.
मैंने जल्दी से उसके मुँह को दबाया कि कहीं छोटी चाची और चाचा न सुन लें.
वो कसमसा रही थी मगर कुछ देर में वो चुप हो गई.
अब मैंने हल्के हल्के धक्के लगाने शुरू किए और उसकी चुत में पूरा लंड घुसा दिया.
दस मिनट की लगातार चुदाई के बाद मैं उसकी चुत से हट गया और अब स्नेहा को चुदाई के तैयार किया.
मैंने उसकी चुत में लंड टिकाया और पूरा लंड उसकी चुत में घुसा दिया.
इससे वह जोर से कराह उठी और उसकी चुत से भी खून निकलने लगा.
हम दोनों ने लगातार दस मिनट चुत चुदाई की.
उसके बाद वो झड़ गई और उसका बदन सिहरने लगा.
ऐसे ही मैं दोनों बहनों को सारी सारी रात चोदने में लगा रहा.
रात को दो बजे हम तीनों कपड़े पहन कर सो गए.
सुबह हम तीनों एक साथ उठे और एक बार फिर से किस करके बाहर आ गए.
अब मैं जब गांव आता हूं, तब अपनी दोनों बहनों की चुत की प्यास बुझाता हूं.
मुझे भी अपने लंड का पानी निकालने में मजा आता है.
हम कज़िन्स लोग एक ही बेड पर सारी रात सेक्स के मजे करते हैं.
आपको मेरी हॉट कज़िन्स सेक्स कहानी कैसी लगी, प्लीज मेल करें.
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